Priyanka06

Add To collaction

लेखनी कहानी -27-Oct-2022 मेरी मां

शीर्षक-मेरी मां

मंदिर की मूरत है मेरी मां,
प्रेम की सूरत है मेरी मां।

आंचल में होता छांव,
गोद में मिलता हमें प्यार।।

सुबह उठकर छुयूं चरण,
वो है मेरी भगवन।

जब भी करता शुभ काम,
मेरी मां का लेता नाम।

मेरा परिवार मेरा मंदिर,
मेरी मां ममता की मूरत।

मां की हूं मैं परछाई,
सारी दुनिया है उसमें समायी।

मेरी मां से सारा जहां,
मेरे दिल में मेरी मां की शमा।

मेरे घर की रौनक मेरी मां,
हर त्योहार की आहट मेरी मां।

कभी भी ना टूटे बंधन,
ऐसा होता मां बच्चों का संबंध।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

नॉनस्टॉप प्रतियोगिता 2022 भाग 29

   13
5 Comments

Mahendra Bhatt

29-Oct-2022 01:03 PM

शानदार

Reply

Haaya meer

28-Oct-2022 07:06 PM

Amazing

Reply

Sachin dev

28-Oct-2022 04:11 PM

Nice 👌

Reply